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रानीखेत - रानी के घास के मैदान, रानीखेत का तापमान, रानीखेत का मौसम, रानीखेत के होटल और रिसॉर्ट, रानीखेत की फोटोज
कैसे हैं दोस्तों आप लोग, आशा करता हुँ आप अच्छे ही होंगे। स्वागत है आपका एक बार फिर से मेरे इस नये ब्लॉग मे जिसमे मैं आपको आपको आज झलक दिखाऊंगा एक ऐसी जगह की जो काफी ज्यादा मशहूर है सैलानीयों के बीच मे। हाँ जी तो चलिए आज हम रानीखेत के बारे मे बात करेंगे कि रानीखेत कहाँ है, रानीखेत का तापमान, रानीखेत का मौसम, रानीखेत मे कहाँ रुकें और रानीखेत कैसे पहुंचे।
रानीखेत भारत के उत्तराखंड राज्य मे एक मशहूर और खूबसूरत पर्यटक स्थल है जहाँ एक फ़ौजी छावनी भी है। देवदार और बलूत के पेड़ों से घिरा हुआ ये खूबसूरत क्षेत्र, जो आने वाले सैलानियों को अपनी और आसानी से आकर्षित कर लेता है। यहाँ से बर्फ से ढकी हुई हिमालय की श्रंखला दिखाई देती है जो बेहद खूबसूरत लगती हैं।
रानीखेत से चौबटिया, पिंडारी ग्लेसियर pindari glacier आदि के लिए जाया जा सकता है और ये सडक मार्ग द्वारा देश के सभी महानगरों से जुड़ा हुआ है। गोल्फ प्रेमियों के लिए यहाँ एक काफी बड़ा और साफ सुथरा गोल्फ का मैदान भी है।
HISTORY OF RANIKHET रानीखेत का इतिहास-
रानीखेत छावनी प्राधिकरण की स्थापना 1869 में हुई थी और इसके अधिकारी को छावनी मजिस्ट्रेट कहा जाता था और उनके कार्यालय को छावनी न्यायालय के रूप में जाना जाता था, या स्थानीय भाषा में छावनी कचहरी। छावनी बोर्ड अधिनियम 1924 में भारत सरकार द्वारा पारित किया गया था। छावनी समिति के द्वारा किये गए सभी कार्य 1869 से छावनी बोर्ड कार्यालय में उपलब्ध हैं। 1870 में रानीखेत में सैनिकों के आवास के लिए लॉग हट्स (लकड़ी के झोपड़े) लगाए गए थे और 37 वीं हैम्पशायर रेजिमेंट के पहले रॉयल स्काउट्स और छावनी को सड़क बनाने, सफाई करने और अन्य काम करने के लिए भेजा गया था।
लोकप्रिय मान्यता के अनुसार, रानीखेत का नाम तब पड़ा जब स्थानीय शासक राजा सुखेरदेव की रानी पदमिनी ने इस स्थान को देखा और इसकी सुंदरता से प्रभावित हुईं। वह उस स्थान से इतनी मोहित हो गई कि उसने वहीं रहने का फैसला किया, और वह स्थान रानीखेत (शाब्दिक रूप से रानी का क्षेत्र) के रूप में जाना जाने लगा। रानीखेत के आसपास के क्षेत्र पर स्थानीय कुमाऊँनी शासकों का शासन था और बाद में यह ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। अंग्रेजों ने रानीखेत को अपने सैनिकों के लिए एक हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया और 1869 में एक छावनी की स्थापना की। रानीखेत अभी भी एक छावनी शहर है और कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर है। एक समय में भारत के वायसराय लॉर्ड मेयो इस बस्ती से इतने मुग्ध थे कि वे सेना के ग्रीष्मकालीन मुख्यालय को शिमला से रानीखेत स्थानांतरित करना चाहते थे।
रानीखेत के जंगल |
रानीखेत की सुबह |
PLACES TO SEE IN RANIKHET रानीखेत में देखने लायक जगह -
वैसे तो रानीखेत और उसके आस पास काफी साड़ी ऐसी जगह हैं जो आप देख सकते हैं पर मैं यहाँ आपको कुछ अच्छी और मशहूर जगहों के नाम बताऊंगा जिन्हे जब आप रानीखेत आएं तो जरूर देख के जाएँ।
MAJKHALI मजखाली -
रानीखेत से 13 किलोमीटर दूर यह खूबसूरत पर्यटक स्थल वाकई में देखने लायक है। यहाँ से त्रिशूल पर्वत Trihsul Parvat के शानदार दृश्य देखने लायक होते हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक दम उपयुक्त है। यहाँ आप अपने परिवार के साथ प्रकृति की गोद में एक बढ़िया सा पिकनिक मना सकते हैं। शहर के शोर शराबे से दूर शांत वातावरण में पक्षियों के चहचहाट का आनद हैं। साहसिक लोगों लिए कई पैदल मार्ग हैं।
चौबटिया गार्डन |
BHALU DAM भालू डैम -
भालू डैम रानीखेत में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। ये एक मानव निर्मित झील है जो चौबटिया बाग़ से ठीक नीचे 3 किलोमीटर की दूरी पर है। इस झील का निर्माण 1903 में ब्रिटिशसरकार द्वारा करवाया गया था। डैम के पास एक छोटा बगीचा भी है जो शांत और मनमोहक है। ये बगीचा साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है। रानीखेत जाएँ तो भालू डैम को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें।
GOLF GROUND RANIKHET गोल्फ ग्राउंड रानीखेत-
रानीखेत से 5 किमी की दूरी पर गढ़वाल हिमालय की गोद में स्थित गोल्फ ग्राउंड भी है। भारतीय सेना द्वारा प्रबंधित अपने 9 होल गोल्फ कोर्स के लिए लोकप्रिय है। यह गोल्फ कोर्स भी एशिया में सबसे ऊंचाई में स्तिथ गोल्फ ग्राउंड में से एक माना जाता है। अगर आप गोल्फिंग के दीवाने हैं, तो आप यहां एक गेम खेलने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। यहाँ का गोल्फ का मैदान बरसात में काफी हरा भरा हो जाता है जो दिखने में वाकई बहुत खूबसूरत लगता है।
9 HOLE GOLF GROUND RANIKHET |
गोल्फ ग्राउंड रानीखेत |
JHULA DEVI MANDIR झूला देवी मंदिर -
रानीखेत झूला देवी मंदिर 8 वीं शताब्दी में बना एक प्राचीन मंदिर है जो शहर से 7 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। लोक कथाओं के अनुसार झूला (पालने) में बैठी देवी दुर्गा इस घाटी की रक्षक हैं। ऐसी कहानी है की 8 वीं शताब्दी में एक चरवाहे को ये मूर्ति मिली थी जिसे सपने में यह मंदिर बनाने का निर्देश मिला था। यहाँ भक्तों द्वारा मनोकामनाएं मांगी जाती है। प्रचलित है की मंदिर में घंटी बांधने से आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है। यहाँ मंदिर में आपको श्रद्धालुओं द्वारा बाँधी गयी अनगिनत घंटियां बंधी हुई दिखेंगी जो देखने में काफी आकर्षक लगती हैं।
झूला देवी मंदिर JHULA DEVI MANDIR |
SUNSET POINTS सनसेट पॉइंट्स -
रानीखेत में कई सारे सूर्यास्त बिंदु (सनसेट पॉइंट्स) देखने को मिल जायेंगे। जहाँ से सूरज डूबते हुए देखना अपने आप में एक बहुत ही खुशनुमा नजारा हो सकता है। इन पॉइंट्स को रानीखेत में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से जाना जाता है। इन सनसेट पॉइंट्स में सबसे मशहूर हैं ट्रांजिट कैंप और गनियादेओली के बीच वुडविला पॉइंट। तो अगर आप डूबते हुए सूरज का एक खूबसूरत नज़ारा देखना है तो रानीखेत में इन जगहों पर जरूर जाएँ।
सनसेट पॉइंट्स SUNSET POINTS |
CHAUBATIYA चौबटिया -
चौबटिया गार्डन रानीखेत में घूमने के लिए सबसे बढ़िया जगह हो सकती है आपके लिए। चौबटिया बाग़ सेब, आड़ू, पुलम, खुबानी के सबसे अव्वल दर्जे के बागों के लिए मशहूर है। रानीखेत शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ चौबटिया पूरे एशिया में सबसे बड़े बागों में से जाना जाता है। इस बाग में 200 से अधिक प्रकार के फल और फूल हैं। इसके आसपास एक शोध प्रयोगशाला भी स्थित है। इस जगह से हिमालय की बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों के साथ-साथ नंदा देवी मंदिर, त्रिशूल, नंदघुंटी और नीलकंठ जैसे कुछ धार्मिक स्थलों के खूबसूरत नज़ारे दिखाई देते हैं।
चौबटिया में पुलम से लदे हुए पेड़ |
चौबटिया में सेब लगे हुए |
BEST TIME YO VISIT RANIKHET रानीखेत जाने का सबसे सही समय -
रानीखेत 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ एक छोटा सा और बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है जहाँ सर्दियों में काफी ठण्ड रहती है पर गर्मियों में काफी शानदार मौसम RANIKHET WEATHER मिलता है। यहाँ गर्मियों में अधितम तापमान RANIKHET TEMPERATURE 30 डिग्री तक रहता है और सर्दियों में तो 1-2 डिग्री तक हो जाता है। कई बार यहाँ बर्फ भी पड़ती है, जैसे इसी साल फरवरी 2022 में यहाँ काफी बर्फ़बारी हुई है। तो अगर आप रानीखेत जाने का प्लान कर रहे हैं तो बेहतर होगा मार्च से जून तक और सितम्बर से नवंबर तक ही जाएँ। क्यूंकि बरसात में रास्ते काफी ख़राब हो जाते हैं और दिसंबर जनवरी और फरवरी में काफी ठंडा रहता है। अगर सर्दियों में जाएँ तो अपने साथ अच्छे खासे गरम कपडे साथ जरूर रखें।
HOW TO REACH RANIKHET रानीखेत कैसे पहुंचे -
रानीखेत देश के सभी बड़े शहरों से सड़क, रेल, और हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। आप इन तीनों में से किसी भी साधन का इस्तेमाल करके यहाँ पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा - रानीखेत पहुंचने के लिए अगर आप रेल मार्ग का चुनाव करते हैं तो आपको दिल्ली से काठगोदाम DELHI TO KATHGODAM तक रेल द्वारा आना पड़ेगा और फिर काठगोदाम से रानीखेत KATHGODAM TO RANIKHET तक टैक्सी या बस द्वारा भी आया जा सकता है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन KATHGODAM RAILWAY STATION निकटतम रेलवे स्टेशन है जो रानीखेत से 75 किलोमीटर दूर है।
हवाई मार्ग द्वारा - अगर आप देश के किसी भी कोने से रानीखेत जाते हैं और हवाई जहाज द्वारा सफर करना पसंद है तो आपके लिए रानीखेत जाने का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा PANTNAGAR AIRPORT होगा जो दिल्ली से नियमित उड़ान भरने वाले जहाजों से जुड़ा हुआ है। पंतनगर हवाई अड्डे से आप टैक्सी या रेंटल कैब या बस द्वारा भी रानीखेत पहुंच सकते हैं। रानीखेत से पंतनगर RANIKHET TO PANTNAGAR करीब 110 किलोमीटर दूर है।
चौबटिया गार्डन में फूलों की क्यारी |
BEST HOTELS IN RANIKHET रानीखेत में रुकने के लिए सबसे अच्छे होटल्स-
- Woodsvilla Residency, Majkhali, Ranikhet-263652
- Annabella Hotels & Resorts, Chilliyanaula, Ranikhet, District Almora, 263645
- Ranikhet Club Hotel, The Mall Road, Opposite Military Hospital, Ranikhet
- Hotel Chevron Rosemount, Ranikhet Rd, Pandey Kota, Ranikhet
- WelcomHeritage Windsor Lodge, Kalika Estate, Dadgallia, Ranikhet +915966 221888, 222099
रानीखेत शहर |
और आखिर में -
- देवप्रयाग
- कर्णप्रयाग
- GARTANG GALI
- BHIMTAL
- MUKTESHWAR
- 10 MOST UNDERRATED PLACES OF UTTRAKHAND
- धानाचूली
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